मजबूत हौंसला,बुलंद इरादे, आज की महिला की यही पहचान दिल पर दस्तक,दिमाग में बसेरा चित में इसके पक्के निशान महिला ही तो देती है जन्म सृष्टि को सच में ईश्वर का धरा पर है वरदान अपनी जान पर खेल हमें जगत में लाने वाली के लिए बहुत छोटा है शब्द महान जीवन की डगर आसान नहीं किसी भी महिला की, संकल्प से सिद्धि तक के सफर में कितने ही आते हैं व्यवधान पर वो रुकती नहीं है,चलती रहती है बेशक जानती नहीं परिणाम अपने ही पर्याय को उतार धरा पर बेफिक्र सा हो गया भगवान खास नहीं अति खास मूढ में रहा होगा विधाता, जब नारी का किया होगा निर्माण आज कोई भी क्षेत्र नहीं अछूता नारी शक्ति से, हर क्षेत्र में नारी ने बना ली है पहचान दिल दिमाग में सामंजस्य बिठाना आता है नारी को, सदा ऋणी रहेगा नारी का ये जहान