खुशी नहीं मिलती बाहर से, खुशी है भीतर का एहसास। कोई तो कुटिया में भी खुश है किसी को महल भी नहीं आते रास।। *शुक्रिया* या *शिकायत* दोनों में से हम जिसका भी करते हैं इंतखाब। *खुशी* और *गम* का इनसे ही होता है सरल,सीधा सा स्पष्ट हिसाब।। शुक्रिया है *सच्चा मित्र*खुशी का, शिकायत है *गम की साकी* जिसने समझ ली बात ये दोनों, फिर अधिक समझना नहीं रहता बाकी।। खुशी *रामबाण*है जीवन का, खुशी है सबसे खूबसूरत एहसास। सबसे धनवान वही है जीवन में, *संजीवनी बूटी*खुशी होती है जिसके पास।। खुशी नहीं मिलती बाहर से, खुशी है भीतर का एहसास। कोई तो कुटिया में भी खुश है किसी को महल भी नहीं आते रास।। खुशी *लेने* में नहीं *देने*में मिलती है, लेकर तो देखो किसी के दर्द उधारे। खुशी दे देगी दस्तक जिंदगी की चौखट पर सांझ सकारे।। **कुछ कर दरगुजर, कुछ कर दरकिनार** खुशी जिंदगी की चौखट पर, दस्तक देने को हो जाती है तैयार।। *प्यार दो प्यार लो* हटा दो चित से झूठा अहंकार जाने कब आ जाए शाम जीवन की छोड़ो ये गिले शिकवे ये तकरार।। ...